धन्य रे टिकटोक, इस गाने को इतनी अधिक प्रसिद्धि मिली कि क्षेत्रीय गीत होने के बावजूद इस गाने पर सभी थिरक रहे हैं। चकित तो तब ज्यादा हुआ जब, एक दक्षिण का भाई लुंगी सम्भालते हुए इस गाने पर ठुमक रहा था।
खैर पहले ये बताना जरूरी है कि "फ्वां" शब्द का अपना कोई मतलब नहीं, एक तरह से ये विशेषण का शब्द है। गढ़वाल में पत्थर को लोग चुटाते (फेकते ) नहीं बल्कि च्वां चुटाते है (च्वां फेके जाने से सम्बन्धित शब्द है) ठीक उसी प्रकार "फ्वां" भी उड कर आने वाली क्रिया से सम्बन्धित शब्द है।
लैसडौन मे बाघ लगा हुआ है मतलब कि बाघ आदम खोर हो चुका है और बाघ का ख़ौफ चल रहा है, फ्वां बाघा रे, मतलब कि गायक बाघ भाईसाहब को इज्जत दे रहे है, बल (बोले) फ्वां बाघा रे, बाघ की मजबूत, लम्बी कूद का वर्णन करता मात्र एक शब्द। बाघ हमेशा तब ही आदम बस्ती की तरफ रुख करता है जब या तो वो कमजोर हो या घायल हो, या किसी घटना के चलते उसे इंसानी खून मिल गया हो। खासियत ये है कि बाघ बाबूजी रात में दबे पांव आते है।
Song: Fwa Bagha Re (फ्वां बागा रे)
Singer: Pappu Karki, Kalpana Chauhan, Sandeep Sonu
Singer: Pappu Karki, Kalpana Chauhan, Sandeep Sonu
Lyrics: Late Chandra Singh Rahi
Label: Neelam Studio (Delhi)
Label: Neelam Studio (Delhi)
Lyrics Hindi Translation: एकलव्य बिष्ट (Eklavya Bisht)
Fwa Baga Re Lyrics with Hindi Meaning
मारी जालु मैरा
गडवाल नै बाघ लागो
बाघ कि ह्वे डैरा
बाघ कि ह्वे डैरा
म्यार फ्वां बाघा रे।
मुर्गा मारा जाएगा
गढ़वाल मे बाघ सक्रिय है
बाघ का डर हो रखा है
म्यार फ्वां बाघा रे
गोठ्यारी कु कीच
पैली पैली बार गैया लैंसडौन का बीच
म्यारा फ्वां बाघा रे
म्यारा फ्वां बाघा रे
गोठ्यार मतलब मवेशियों को रखने वाली जगह
और कीच हुआ कीचड़
पहली बार बाघ लैंसडाउन में सक्रिय हुआ है
म्यार फ्वां बाघा रे
बाबु लोगो, साब लोगो, हवलदार साब,
सूबेदार साब, लैप्टैन साब, कैप्टन साब,
सतड पतड परमेश्वर महाराज,
लैंसडौन का बीच म्यारा फ्वा बागा रे।
सभी लोगों (जिनका नाम लिखा है उपर)
पहली बार बाघ लैंसडाउन में सक्रिय हुआ है
म्यार फ्वां बाघा रे
लखड़ों क्वारयु चा,
सिपायो का बीच सची घबरोल होयुं चा
म्यार फ्वां बघा रे।
लकड़ी पर बाघ बाबूजी ने अपनी उपस्थिति दर्ज की हुई है (नाखून के निशान से)
और सिपाहियो में असल में घबराहट का माहौल है
म्यार फ्वां बाघा रे
सिपायो का बीच सची घबरोल होयुं चा
म्यार फ्वां बघा रे।
लकड़ी पर बाघ बाबूजी ने अपनी उपस्थिति दर्ज की हुई है (नाखून के निशान से)
और सिपाहियो में असल में घबराहट का माहौल है
म्यार फ्वां बाघा रे
0 Comments