Director : Kunal Dobhal
Music : Ishaan Dobhal
DOP : Salil Dobhal
Art Director : Prem Mohan Dobhal
Lyrics : Traditional
Additional Lyrics : Deepak Mehta, Lokesh Adhikari
झन दीया बोज्यू छाना बिलौरी
लागला बिलौरी का घामा
हाथे कि कुटली हाथे में रौली
नाके की नथुली नाके में रौली
लागला बिलौरी का घामा
लागला बिलौरी का घामा
हाथे कि कुटली हाथे में रौली
नाके की नथुली नाके में रौली
लागला बिलौरी का घामा
मत देना पापा छाना बिलौरी
लगेगी बिलौरी की धूप
हाथ की कुटली हाथ में ही रह जाएगी
नाक की नथुली नाक में ही रह जाएगी
लगेगी बिलौरी की धूप
लगेगी बिलौरी की धूप
हाथ की कुटली हाथ में ही रह जाएगी
नाक की नथुली नाक में ही रह जाएगी
लगेगी बिलौरी की धूप
दुख सुख कती नी होनू च्येली
वाले रुनी ठुल नाना
सास सौर घरा, मै बाब जसा
करला ऊ त्यारा फामा
छाना बिलौरी जाणों छौ च्येली
छाना बिलौरी जाणा
वाले रुनी ठुल नाना
सास सौर घरा, मै बाब जसा
करला ऊ त्यारा फामा
छाना बिलौरी जाणों छौ च्येली
छाना बिलौरी जाणा
दुख सुख कहां नहीं होते बेटी
वहां भी छोटे बड़े होंगे
सास ससुर का घर माँ बाप जैसा ही तो होगा।
वो तेरी देख रेख करेंगे
छाना बिलौरी जाना है बेटी
छाना बिलौरी जाना है
वहां भी छोटे बड़े होंगे
सास ससुर का घर माँ बाप जैसा ही तो होगा।
वो तेरी देख रेख करेंगे
छाना बिलौरी जाना है बेटी
छाना बिलौरी जाना है
न्हे ज्यूला बोज्यू छाना बिलौरी
लागला बिलौरी का घामा
लागला बिलौरी का घामा
आसीस देयां भिटणे रैय्यां
लागला बिलौरी का घामा
लागला बिलौरी का घामा
मैं जाउंगी पापा, छाना बिलौरी
आशीर्वाद देना मिलते रहना
आशीर्वाद देना मिलते रहना
हम जानू बौज्यू हमर, ससुर का देस
चौ गंगा का पार जानू, स्वामी का मुलुक
बौज्यू की नगरी छूटी, ईजा को आंचलो
भै भैनो को साथ छूटो, सखियों का साथ
चौ गंगा का पार जानू, स्वामी का मुलुक
बौज्यू की नगरी छूटी, ईजा को आंचलो
भै भैनो को साथ छूटो, सखियों का साथ
हम जाते हैं पापा, ससुर के देश
कई नदियों के पार जाते हैं स्वामी के देश
पापा की नगरी छूटी, माँ का आँचल
भाई बहनों का साथ छूटा, सखियों का साथ
पापा की नगरी छूटी, माँ का आँचल
भाई बहनों का साथ छूटा, सखियों का साथ
शगुन दे, शगुन दे, कार्य को शगुन दे
जब तक रौली च्येली, गंगा ज्यू की धार
सूरजे की ज्योत रौली, धरती आगास
जब तक औने रौला, जेठ, आसाढ़, फाग,
तब तक रौलो त्यार अमर सुहाग।
सूरजे की ज्योत रौली, धरती आगास
जब तक औने रौला, जेठ, आसाढ़, फाग,
तब तक रौलो त्यार अमर सुहाग।
जब तक रहेगी बेटी, गंगा जी की धार
सूरज की जोत रहेगी, धरती आकाश
जब तक आते रहेंगे, ज्येष्ठ, आषाढ़, फाल्गुन ,
तब तक रहेगा तेरा अमर सुहाग।
जब तक आते रहेंगे, ज्येष्ठ, आषाढ़, फाल्गुन ,
तब तक रहेगा तेरा अमर सुहाग।
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