संगीता ढौंडियाल जी की मधुर आवाज में पारंपरिक लोक वाद्य यंत्रों के संगीत सजा हा एक सुन्दर गीत... ढोल-दमो उत्तराखंड के लोक वाद्य यंत्र हैं... जो की शुभ कार्यों में बजाये जाते हैं... गीत में भी दगडिया (दोस्त) की शादी में ढोल दमाऊ बज रहे हैं और उत्तराखंड के गाँवों में शादी में किस प्रकार से चहल पहल रहती है वो सब बड़े ही सुन्दर शब्दों में पिरोया गया है... आइये पढ़ते हैं इस गीत के लिरिक्स....
Singer : Sangeeta Dhoundiyal
Lyrics : Sangeeta Dhoundiyal & Milan Azad
Music : Ranjeet Singh
Dhol Damau Baji Gena Lyrics
ढोल दमो बजिगेन
दगड़ीया की बाराती मा
कन रंगत ऐगी...
हाँ बल..
रान्सू मन्डाण लगीगे हाँ
दगड़ीया की बाराती मा
कन रंगत ऐगी...
चौक तिबार सजी गेन, पौनो की लेन लगीगे
अरसा अर पकोडयों कु चुल्ला मा तेकु चढ़ीगे
सच्ची...
हाथ मा मेंदी लगीगेना
दगड़ीया की बाराती मा
तन मन खिलिगे
ढोल दमो बजिगेन....
नचण अर खेलण मा सबि बगछट ह्वे गेना
होंसिया जवान भी मस्त मगन ह्वे गैना
कन आयी बहार रे...
दगड़ीया की बाराती मा
कन रंगत ऐगी
ढोल दमो बजिगेन....
मंग्लेर्यु का मांगल... स्यालि-भीना की गाळी
हमारा रीति रिवाजों की... बात च निराळी
सच्ची...
धिंगतालो धिन ह्वेगेन...
दगड़ीया की बाराती मा
कन रंगत ऐगी हाँ बल
ढोल दमो बजिगेन....

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